13 विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ में असफल होने के बावजूद कैसे बने IAS
अक्सर विद्यार्थी कम अंक आने पर इतने निराश हो जाते हैं, मानो सब कुछ खत्म हो गया है,
किंतु आज ऐसे कलेक्टर की बात करेंगे जिनके 10वीं में मात्र 44% अंक आए थे।
छात्र अपने कम अंक से हताश ना हो इस हेतु छत्तीसगढ़ IAS Awanish Sharan ने अपनी कहानी Twitter पर शेयर की है।
दसवीं की परीक्षा में इनको केवल 44.7% अंक हासिल हुए, यही नहीं अन्य प्रतियोगी परीक्षा में 13 बार असफल हुए।
इसके बावजूद अवनीश शरण जी ने दृढ़ इच्छाशक्ति एवं मेहनत करके सिविल सेवा परीक्षा को अव्वल दर्जे से पास किया और आईएएस अधिकारी बने।
IAS Avanish Sharan अक्सर ट्विटर पर विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक पोस्ट शेयर करते रहते हैं।
एक Tweet में "मेरी यात्रा" शीर्षक के साथ पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने लिखा कि उनके 10वीं में 44.7%, 12वीं में 55% और ग्रेजुएशन में 60% अंक हासिल हुए।
आईएएस अवनीश शरण ने आगे लिखा कि उन्हें CDS और CPF परीक्षा में असफलता हाथ लगी थी।
State Public Service Commission की प्रारंभिक परीक्षा में 10 बार से ज्यादा फेल हुए।
इतनी असफलता मिलने के बाद तो हर कोई अपने घुटने टेक दे लेकिन IAS Avanish Aharan ने प्रथम प्रयास में साक्षात्कार तो दूसरे प्रयास में रैंक 77 हासिल कर लिया।
वर्ष 2009 में अवनीश शरण जी को छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित हुआ और उन्होंने IAS पदभार ग्रहण किया
अवनीश जी का यह असफलता से सफलता का Tweet युवाओं को काफी ज्यादा प्रेरणा दे रहा है।
इस बात से यह तो तय है कि स्कूल की बोर्ड परीक्षा में मिले कम अंक से आपकी किस्मत तय नहीं होती है।
अतः शुरुआत में अगर कम अंक मिले हैं तो पुनः मेहनत करें और अपने आपको साबित करें।