Motivational Story In Hindi
( स्वयं की परीक्षा )
नमस्कार दोस्तों !
आज मैं आपको एक हिंदी प्रेरणादायक कहानी Motivational Story in Hindi सुनाने जा रहा हूँ जिसका शीर्षक है ” स्वयं की परीक्षा” तो इस कहानी को ध्यानपूर्वक और अंत तक पढ़े। तो चलिए शुरू करते है।
एक बार की बात है , सवेरे तड़के का समय चल रहा था। सभी लोगो ने अपना काम धंधा शुरू कर दिया था। सेठ धनीराम हमेशा की तरह अपनी किराना दुकान खोल करके अपनी दुकान को ठीक ढंग से जमा रहे थे।
सेठ धनीराम ने अपनी दूकान में एक फ़ोन कनेक्शन लिया हुआ था, जहाँ अक्सर लोग अपने सगे-सम्बन्धीयो से बात करने के लिए आते थे और पैसे चुकाकर चले जाते थे।
सेठ जी अपनी दुकान में रखे सामान को व्यवस्थित कर ही रहे थे की अचानक 20 – 22 उम्र का एक युवक उनकी दूकान पर आता है ,उसने अपना नाम किशन बताया ओर एक फ़ोन करने की इजाजत मांगी।
किशन ने फ़ोन गाँव के ही एक जमींदार को लगाया ओर कुछ इस तरीके से बात हुई !
You Are Reading “Motivational Story in Hindi Language”
किशन :- सेठ जी ! आप एक बड़े जमींदार है , क्या आपके खेत या बगीचे में मेरे लायक कोई काम है क्या ?
जमींदार :- नहीं भाई ! कोई काम नहीं है। बगीचे में काम करने के लिए एक व्यक्ति की जरुरत थी लेकिन, मैंने कुछ महीने पहले ही एक लडके को काम पर रख लिया है।
किशन :- मैं उस लड़के से अच्छा काम करूँगा और बहुत मेहनत करूँगा, कृपा करके मुझे वो बगीचे वाली नौकरी दे दीजिये।
जमींदार :- अरे भाई नहीं ! वो लड़का बहुत अच्छा काम करता है , मैं उसे नौकरी से नहीं निकाल सकता हूँ।
किशन :- जीतनी तनख्वाह आप उसे देते है में उसी तनख्वाह में आपके बगीचे में करूँगा और साथ ही आपके खेत में निराई और बुवाई भी कर दूंगा।
जमींदार :- नहीं भाई ! वो लड़का बहुत ईमानदार और कर्मठ है , और मैं उसकी स्वामिभक्ति देखकर बहुत प्रसन्न हूँ।
किशन :- आप कहेंगे तो मैं गाय – भैंस को चराई के लिए भी ले जाऊंगा , आपकी घोडा-गाडी और ट्रेक्टर वाहन को भी साफ़ कर दूंगा।
जमीनदार :- ( थोड़ा नाराज़ लहजे में कहता है ) अरे भाई कहा ना ! कोई नौकरी नहीं है ।
जो लड़का मेरे यहाँ काम कर रहा है, मैं उसके काम से काफी खुश हूँ। आगे कभी भविष्य में काम होगा तो में तुमको बता दूंगा।
ये कहते हुए जमींदार फोन रख देता है।
ये सभी बात वहां दूकान में बैठा हुआ सेठ धनीराम सुन रहा था और मन ही मन सोचने लगा की इस किशन को काम की सख्त जरुरत है ।
तभी तो काम के लिए इतना गिड़गिड़ा रहा था और मेरे यहाँ भी तो एक लड़के के लिए काम करने की जगह है। चलो इसे ही काम पर रख लेता हूँ।
किशन फ़ोन रख कर पैसे देने के लिए सेठ धनीराम के पास आया तो धनीराम ने उससे कहा
” सुनो किशन ! अगर तुम चाहो तो मेरे यहाँ काम कर सकते हो , मुझे भी एक लड़के की जरुरत थी ”
यह सुनकर किशन बोलता है ,
“धन्यवाद सेठ जी ! लेकिन मुझे काम की कोई जरुरत नहीं ”
सेठ जी आश्चर्यचकित होकर बोलते है
” ये तुम कैसी बात कर रहे हो ! अभी तो तुम एक छोटी सी नौकरी के लिए इतना गिड़गिड़ा रहे थे । अब कह रहे हो की नौकरी नहीं चाहिए ”
प्रसन्न मुद्रा में होकर किशन कहता है
” मैं जमींदार से नौकरी मांग रहा था किन्तु जमींदार के यहाँ पहले से ही एक लड़का काम कर रहा है । उस लड़के की वजह से मुझे नौकरी नहीं मिली क्योकि जमींदार साहब उसकी ईमानदारी ओर मेहनत से प्रसन्न है ।
वह लड़का कोई ओर नहीं बल्कि मैं ही हूँ, मैं ही उनके यहाँ काम करता हूँ ”
फिर से सेठ जी आश्चर्यचकित होकर बोलते है
“अगर तुम पहले से उनके यहाँ काम कर रहे हो तो फिर नौकरी क्यों मांग रहे थे ?”
इस पर किशन कहता है
“क्योकि मैं स्वयं की परीक्षा लेना चाहता था की मेरा मालिक मेरे काम करने से खुश है या नहीं ”
तब सेठ धनीराम कहता है ” वाह भई वाह ! मान गए भाई तुम को , क्या खूब परीक्षा ली है तुमने अपनी ”
और किशन चले जाता है …
∼शिक्षा∼
तो दोस्तों मुझे आशा है की आपको ये कहानी “Motivational Story in Hindi ” शीर्षक :- स्वयं की परीक्षा पसंद आयी होगी। निचे कमेंट करके बताये की क्या आप भी अपनी परीक्षा समय – समय पर लेते है। अपने सभी दोस्तों को ये कहानी फेसबुक और व्हाट्सप्प पर जरूर शेयर करे। ऐसी ही और प्रेरणादय कहानी हिंदी में (Motivational Story in Hindi) में पढ़ने के लिए हमें यानि Real Inspiration For U को जरूर फॉलो करे।
अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद् , आपका दिन शुभ रहे।
इसी आशा के साथ मिलते है फिरसे एक ओर प्रेरणादायक कहानी में।