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Story For Kids in Hindi
परवरिश
नमस्कार दोस्तों ,
आज मैं फिर से लेकर आया हूँ एक Story For Kids In Hindi , Motivational Story in Hindi जिसका शीर्षक है परवरिश ।
मुझे पूरा विश्वास है की आपको ये कहानी जरूर पसंद आएगी तो इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़े।
Story For Kids in Hindi
पेंसिल ✎ और रबर ◨
एक बार एक छोटा बच्चा ड्राइंग बुक पर पेंसिल से कुछ बना रहा था। चूँकि बच्चा बहुत छोटा था तो ड्राइंग बनाते वक्त बार-बार गलती कर रहा था इसलिए रबर से अपनी गलती को मिटा रहा था।
अचानक कुछ ओर काम याद आने के कारण वह अपनी ड्राइंग बुक को वही फर्श पर छोड़कर चला जाता है।
छोटे बच्चे की गैर हाजिरी में पेंसिल और रबर आपस में बात करने लगते है। तो पेंसिल और रबर आपस में क्या बात कर रहे थे चलिए देखते है :
पेंसिल :- ( भावुक होकर ) सुनो रबर ! तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो।
रबर :- ( खुश होते हुए ) हाँ मित्र पेंसिल ! हम दोनों अच्छे मित्र है।
पेंसिल :- देखो मैं हमेशा गलती करते रहता हूँ और तुम एक सच्चे दोस्त की तरह मेरी गलती को ठीक करते हो।
रबर :- हां मित्र पेंसिल , मैं तुम्हारी गलती को ठीक करता हूँ।
पेंसिल :- किन्तु जब भी तुम मेरी गलती को ठीक करते हो तो तुम्हारे शरीर का कुछ हिस्सा कम होता जाता है और मुझे ये बात दुखी करती है।
रबर :- दुखी ना हो मित्र मेरा जन्म ही ये काम करने के लिए हुआ है। अगर मैं तुम्हारी गलती को ठीक नहीं करूँगा तो मुझे भी अच्छा नहीं लगेगा। और अंत में तो एक दिन सभी को नष्ट होना ही है तो मुझे जो काम सौंपा गया है वो काम मैं हस्ते हस्ते करना चाहता हूँ।
पेंसिल :- मैं बहुत ही धन्य हुआ हूँ तुम्हारे जैसा एक सच्चा दोस्त पाकर।
पेंसिल और रबर की बात ख़तम हुई और वह छोटा बच्चा अपने काम को निपटाकर फिर से ड्राइंग बनाने के लिए आ गया।
Moral Of The Story
Moral Of The Story
दोस्तों ये एक छोटी सी कहानी परवरिश ( Paravarish : Story For Kids In Hindi ) हमें ये बात बताती है की हमारे जीवन में भी कुछ लोग ऐसे आते है जो हमारी गलती मिटाते है चाहे उस बात के लिए उनका ही नुक्सान क्यों ना हो।
ये लोग कोई भी हो सकते है , वो एक सच्चा मित्र भी हो सकता है जो गलत रास्ते पर हमें जाने से रोकेगा और हमें सदैव अच्छे की तरफ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
हम सभी संतान ( Children ) भी एक पेंसिल की तरह हि है जो हमेशा गलती करते है और हम सब के जीवन में माता पिता ( Parents ) रबर की तरह होते है जो नित हमारा हित ही चाहेंगे।
बचपन से लेकर युवावस्था तक माता पिता अपनी संतान की भलाई में लगे रहते है।
कुछ गलत होने की दशा में अपनी संतान को डाटेंगे फटकारेंगे पर संतान की तरफ से दुसरो से माफ़ी भी मांगेंगे।
जिस तरीके से एक रबर पेंसिल की गलतियों को मिटाते हुए क्षीण होता जाता है उसी तरीके से हमारे माता पिता भी हम संतान का भला करते करते , हमारी गलती ठीक करते करते बूढ़े हो जाते है।
अंत में कुछ संतान अपने माता पिता की बूढ़े होने की दशा में उनसे कन्नी कटाने लगते है जो की पूर्णतः गलत है।इसीलिए श्रेयस्कर होगा की जिन माता पिता ने सदैव आपका भला चाहा है तो बाद में आप भी उनका भला ही सोचे।
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Note :- I Wrote this Story ( Short Story For Kids in Hindi) in Hindi Language and It is Based on My Internet Research, Hence this story is not my own Creation so If you found any grammatical error please let me know so that i can correct it.