Moral Stories In Hindi:
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे दो प्रेरणादायक कहानी (Moral Stories) की जो की हिंदी (Hindi) में होगी और बहुत ज्यादा दिलचस्प होगी। दोनों कहानी में एक-एक शिक्षा बताई गई है
तो इसे ध्यान से और अंत तक पढ़े।
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Table of Contents
Hindi Moral Story 1 :-
लालच बुरी बला

Story In Hindi with Moral
“एक समय की बात है, एक गाँव में एक गरीब किसान था जिसके पास खेती करने के लिए जमीन का छोटा सा टुकड़ा था। पैसो की कमी के कारण वह खेती में उन्नत तकनीक और उपकरण (जैसे ट्रेक्टर मशीन, थ्रेसर मशीन) का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था।
यहां तक की उसके पास खेत जोतने के लिए दो बेल तक नहीं थे। किन्तु उसका बड़ा भाई बड़ा धनवान था। उसके पास 100 बीघा जमीन, कई सारे बड़े घर और बहुत सारी गाय भैंस थी। यानी वह सभी मामलो में उसके छोटे भाई से आगे था।
एक बार वह गरीब किसान अपने बड़े भाई से कुछ पैसे उधार मांगने गया ताकि बुवाई के लिए बीज खरीद सके परन्तु बड़े भाई ने बड़े ही धुत्कार के साथ उसे भगा दिया।
जैसे तैसे उसने अपने खेत में बुवाई की और 6 महीने पश्चात कटाई का समय आया , लेकिन उसकी फूटी किस्मत!! सारी फसल उसकी बर्बाद हो गई।
वह गरीब किसान अपने खेत में बैठकर सोच रहा था की आखिर भगवान् उसके साथ ऐसा क्यों कर रहा है तभी अचानक उसे अपने खेत से लगे पेड़ के पास एक सांप (सर्प) दिखाई दिया।
वह थोड़ा घबराया और सोचने लगा की ये सांप यहां मेरे खेत में !! इसका मतलब है की इस पेड़ के निचे इनका निवास स्थान है। मुझे इस सर्प देवता की आराधना करनी चाहिए ताकि मुझे लाभ मिले।
इस तरह वह गरीब किसान उस सांप के लिए एक कटोरा दूध लेके आता है और दूध उस बिल के पास रखकर चला जाता है। कुछ समय बाद वापस जब आता है तो वो क्या देखता है !! वो दूध का कटोरा तो खाली हो गया किन्तु उस कटोरे के पास सोने का एक सिक्का रखा है। वह गरीब किसान सोचने लगा की शायद ये सर्प देवता ने मुझे ये सोने का सिक्का भेंट स्वरुप दिया है।
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अब हर रोज वो एक दूध का कटोरा बिल के पास रखता और उसे परिणाम में एक सोने का सिक्का मिल जाता। धीरे धीरे वह गरीब किसान अमिर बनता गया। अब उसके पास कई सारे ट्रेक्टर, ट्राले, मशीन, गाय भैंस और खेत के किनारे बड़ा सा आलिशान घर था।
जब इस बात की भनक उसके बड़े भाई को हुई तो उसने जांच पड़ताल शुरू कर दी की आखिर इतने कम समय में ये इतना अमीर कैसे हो गया वो भी मुझसे ज्यादा।
कई दिनों की जांच पड़ताल के बाद उसे पता चला की ये सब उस सांप का कमाल है।
बड़ा भाई सोचने लगा की मेरा छोटा भाई तो मुर्ख है, हर दिन केवल एक सोने का सिक्का पाता है… हो सकता है उस सांप के बिल में कई सारे सोने के सिक्के भरे पड़े हो !! क्यों न मैं उस सांप को मारकर वो सारे सिक्के ले लू।
रात्रि का समय था, बड़ा भाई अपने साथ एक लाठी लेके उस बिल के पास पहुंचा और सांप को निकलने की कोशिश करने लगा। जैसे ही वह सांप अपने बिल से निकला वैसे ही उसने लाठी भांजना चालू कर दिया। अपने ऊपर आये खतरे को भांप कर उस सांप ने उस बड़े भाई को ही काट लिया और वही उसकी मृत्यु हो गई।
Moral Of The Story:
इस कहानी से हमें ये प्रेरणा मिलती है ज्यादा का लालच हमेशा दुखदायी होता है। अगर दूसरे शब्दों में कंहू तो “अति सर्वत्र वर्जयेत” यानी किसी भी काम में अति (अधिकता) ख़राब होती है।
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Hindi Moral Story 2 :-
जैसी करनी वैसी भरनी

Story in Hindi with Moral
“एक गाँव में हीरालाल नाम का एक किराना व्यापारी रहता था जो उस छोटे से गाँव में आटा-दाल का धंधा करता था। एक दिन उसने सोचा की पास के शहर में जाकर कुछ धन अर्जन किया जाय। लेकिन परदेश जाने और वहां नया धंधा चालू करने के लिए कुछ पैसो की आवश्यकता जरूर होगी।
हीरालाल आगे सोचता है की क्यों ना लाला जी से कुछ उधर ले आता हूँ और अपनी लोहे की तराजू को जमानत स्वरुप उस लाला को दे दूंगा।
वह लाला जी के पास जाता है और तराजू के बदले कुछ पैसे ले आता है। उन पैसो से वह परदेश जाता है और वहां जाकर कपड़ो का व्यवसाय करता है। खूब सारा धन अर्जन करने के बाद वह सोचता है की अब घर लौट जाना चाहिए।
जब वह घर पंहुचता है और लाला जी के पास जाकर उनके पैसे ब्याज सहित दे देता है और बदले में अपनी तराजू मांगता है।
किन्तु लाला जी कहने लगे: “अरे ! वह तराजू तो चूहे खा गए। ”
हीरालाल समझ गया था की लाला जी मुझे मेरा तराजू नहीं देना चाहते है, इनको मजा चखाना पड़ेगा।
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तभी हीरालाल ने कहा: ” लाला जी ! कोई बात नहीं, अगर मेरा तराजू चूहे खा गए है तो इसमें आपकी क्या गलती है। अच्छा मैं पास के तालाब में स्नान करने जा रहा हूँ। अगर आप चाहे तो अपने छोटे पुत्र दीनानाथ को मेरे साथ स्नान करने के लिए भेज सकते है। ”
लालजी कहते है: ” अरे क्यों नहीं , तुम ले जाओ दीनानाथ को अपने साथ। “
हीरालाल और दीनानाथ दोनों चल दिए तालाब की ओर, लेकिन हीरालाल ने दीनानाथ को पकड़ कर पास की एक गुफा में छुपा दिया।
हीरालाल लाला जी पास जाकर कहता है: ” लालाजी हम अपने रास्ते जा रहे थे की अचानक एक चील आयी और दीनानाथ को अपने पंजे में पकड़ कर उठा ले गई। “
यह सुनकर लालजी क्रोधित हुए और पंचायत बुलाई
पंचो ने लालाजी की बात को सुनकर हीरालाल से पूछा की ” ये कैसे मुमकिन है ! एक चील इतने बड़े बालक को कैसे उठा सकती है ?”
तब हीरालाल पंचो से कहता है: ” बिलकुल मुमकिन है जनाब ! अगर एक चूहा लोहे की तराजू को खा सकता है तो एक चील बालक को अपने पंजे से उठा सकती है ” और इस तरीके से हीरालाल ने अपनी सारी कहानी बयान कर दी।
पंचो ने अपना फैसला सुनाया और उस कपटी लालाजी को दंड दिया।
Moral Of The Story:
इस कहानी से हमें ये प्रेरणा मिलती है की जो जैसा करता है वह वैसा ही पाता है। यानी जैसी करनी वैसी भरनी।
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आपका बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद
4.5
3.5
kya m you tube pr pardrshit kr skta hu
Ha Aap is kahAni ko YouTube par pradarshit Kar sakte hai , lekin aapko hamari site ka Credit Video Description me dena padega…
Nice story
Thanks Sir Keep Supporting
बहुत ही अच्छी blog थी sir मै कामना करता हूँ कि इस तरह की blog आप भविष्य मे लाते रहे धन्यवाद इस तरह की blog के लिए।