(Best 11) चाणक्य नीति | CHANAKYA NITI in Hindi | Chanakya Quotes

BEST 11 CHANAKYA QUOTES (Chanakya Niti) in HINDI

आज मैं लेकर आया हूँ अब तक की सबसे श्रेष्ठ कृति यानि चाणक्य नीति (Chanakya Niti in Hindi) का परिवार और मित्र पर 11 श्रेष्ठ कथन और आचार्य चाणक्य के जीवन की कथा।

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CHANAKYA NITI in Hindi :-

आचार्य चाणक्य जिन्हे हम सभी कौटिल्य के नाम से भी जानते है और कुछ इतिहासकारो के अनुसार इनका दूसरा नाम विष्णुगुप्त था।

चाणक्य (कौटिल्य ) समाजशास्त्र , राजनीति और अर्थशास्त्र के महा पंडित और ज्ञानी थे।  इन्होने कई सारी पुस्तके लिखी किन्तु चाणक्य नीति सर्वश्रेष्ठ कृति मानी जाती है और कहा जाता है की इस महान कृति (पुस्तक) का सभी विद्यार्थियों को अध्ययन करना चाहिए ताकि हम अपने जीवन में किसी भी प्रकार की विपत्ति का सामना आसानी से कर सके।

आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र और राजनीति के प्रकांड विद्वान् थे। इस महाज्ञान का सबसे बड़ा साक्ष्य ये है की चाणक्य ने एक साधारण से बालक चन्द्रगुप्त को अपनी राजनीति की शिक्षा देकर मगध जैसे शक्तिशाली राज्य का राजा बनाया। इसीलिए इस ज्ञान की पोथी Chanakya Niti का अध्ययन सभी को करना चाहिए।

आज 2300 साल बीत जाने पर भी इस पुस्तक में लिखा गया ज्ञान, एक-एक अक्षर वास्तविक लगता है क्योकि चाणक्य ने अपनी इस महान कृति का निर्माण स्वयं अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर किया है जो की जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत उपयोगी है।

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Biography of CHANAKYA in Hindi :-

भारत के इतिहास की बात की जाय तो कौटिल्य (विष्णुगुप्त ) के बिना भारत देश का इतिहास अधूरा है।  भारत वर्ष के राजनैतिक गुरु आचार्य चाणक्य का जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ , इतिहास में कुछ अच्छे से प्रमाण नहीं है किन्तु इनका जन्म लगभग 350 ईसा पूर्व को माना जाता है।

इनके पिता का नाम कुटिल था और चाणक्य ब्राह्मण परिवार के कुटिल वंश में जन्मे थे इसलिए इनको कौटिल्य  भी कहा जाता है।

आचार्य चाणक्य ने अपनी शिक्षा तक्षशिला से की और करीब 14 वर्ष के अध्ययन के बाद नालंदा और तक्षशिला जैसे बड़े विश्वविद्यालय में अद्यापन का कार्य किया।

दो घटनाओ ने इनके जीवन को पूर्ण रूप से परिवर्तित किया जो निम्न प्रकार है :

  1. सिकंदर द्वारा भारत पर आक्रमण , और
  2. मगध के सम्राट धनानंद द्वारा भरी सभा में चाणक्य का अपमान 

सिकंदर ने जब भारत पर आक्रमण किया तो उस समय भारत के सभी राज्य बिखरे हुए थे जिन्हे तोडना विदेशी शक्तियों के लिए काफी आसान था।  बहुत सारे राज्य सिकंदर के इस हमले को सहन ना कर पाए केवल मगध ही ऐसा शक्तिशाली राज्य था जिसकी माहिमा आस पास बहुत दूर तक फैली थी।

जब आचार्य चाणक्य सिकंदर के विषय में मगध के सम्राट से मिले तो मगध राज्य के सम्राट धनानंद ने अपनी शक्ति और घमंड के नशे में चूर होकर आचार्य को भरी सभा में अपमानित किया और कहा की

          
         “ पंडित हो तो पंडिताई करो और अपनी चोंटी सम्भालो,
                युद्ध का सोचने और करने का काम हम क्षत्रियो का है।  

इस बात से क्रोधित होकर आचार्य चाणक्य ने अपनी चोंटी खोल दी और ये प्रण लिया की जब तक इस नन्द वंश का मगध के राज सिहासन से अंत ना कर देता तब तक में अपने बाल नही सवारूँगा।

फिर एक दिन उन्हें 7 – 8 वर्ष का एक बहुत ही साधारण बालक दिखा, नाम था चन्द्रगुप्त मौर्य , चाणक्य ने उसकी  प्रतिभा को पहचाना और उसके माता पिता को 1000 मुद्रा देकर खरीद लिया।

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फिर दिन प्रतिदिन उसे शिक्षा देने लग गए।  अपना सारा ज्ञान जैसे राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और कुटनीति को उस बालक को सिखाया और उनकी ये कठोर मेहनत रंग लायी।

अंततः मगध जैसे बड़े और शक्तिशाली राज्य पर चन्द्रगुप्त मौर्य की जीत हुई, वे राजा के पद पर आसीन हुए और चाणक्य मगध राज्य के महामंत्री बने। मगध पर नन्द वंश का खात्मा हुआ और मौर्य वंश का उदय।

महान सम्राट अशोक को तो आप जानते ही होंगे, ये चन्द्रगुप्त मौर्य के ही पौत्र है।  महामंत्री बनने के बाद भी आचार्य चाणक्य ने कोई राजसी ठाट-बाट नहीं अपनाया और अपनी कुटिया में ही दिन बिताए।

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Chanakya Niti in Hindi

ऐसा था महापंडित और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) का जीवन।

आज भी कही सारे विश्वविद्यालय में चाणक्य नीति  को विषय के रूप में पढ़ाया जाता है।  बड़े बड़े मैनेजमेंट कॉलेज में चाणक्य नीति का पाठ पढ़ाकर लीडरशिप सिखाई जाती है। चाणक्य निति केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं वरन सभी के लिए लाभदायक है अतः सभी को इसका पाठ करना चाहिए।

 BEST 11 CHANAKYA QUOTES in HINDI :-

  (पिता, पुत्र, पत्नी और मित्र पर चाणक्य के कथन)

  • एक श्रेष्ठ पुत्र वही है जो किसी भी स्थिति में अपने पिता की आज्ञा का पालन करे यानि पिता-भक्त बना रहे, चाहे वह पुत्र किसी भी बड़े शिखर पर क्यों ना पहुँच जाये किन्तु उसे सदा अपने पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
  • एक श्रेष्ठ पिता वही है जो अपनी संतान (पुत्र-पुत्री) का अच्छे से लालन पालन करे और उनके अंदर अच्छे संस्कारो के बीज बोये। 
  • एक श्रेष्ठ पत्नी वही है जो अपने पति के कल्याण को अपना कल्याण माने और अपने पति को सुख दे। 
  • एक दुष्ट मित्र का हमेशा त्याग करे क्योकि वह आपके सामने अपनी चिकनी चुपड़ी बाते करेगा किन्तु पीठ पीछे आपकी बुराई करेगा। तो ऐसे धूर्त व्यक्ति कभी विश्वास किये जाने योग्य नहीं है। 
  • एक श्रेष्ठ मित्र वही है जो विश्वास लायक हो , जो सुख दुःख, अमीरी गरीबी सबमे एक सामान रहे। 
  • चाहे मित्र श्रेष्ठ हो या दुष्ट उस पर हद से ज्यादा विश्वास ना करे , अपने रहस्य को इनसे छुपा के रखे क्योकि क्रोधित अवस्था में वही मित्र आपके भेद को ओर लोगो के सामने खोल सकता है।
  • एक बुद्धिमान पिता को अपनी संतान को अच्छे गुणों से पोषित करना चाहिए क्योकि गुणवान और शीलवान व्यक्ति की ही कुल में पूजा होती है।  

 

  • वे माता-पिता अपनी संतान के महाशत्रु है जिन्होंने अपनी संतान को शिक्षा नहीं दिलाई क्योकि अनपढ़ और मुर्ख व्यक्ति विद्वानों की सभा में ठीक उसी प्रकार अपमानित होता है जैसे हंसो के बीच बगुला। 
  • एक टेढ़े-मेढे पेड़ को काटने की अपेक्षा सीधे पेड़ को आसानी से काट दिया जाता है ठीक इसी प्रकार इस दुनिया में सीधे व्यक्ति को सबसे पहले ठगा जाता है तो चंट-चालाक बने।
  • दुष्ट मित्र और सर्प में समानता की जाय तो सर्प श्रेष्ठकर है क्योकि सर्प तो काल आने पर काटता है किन्तु वह दुष्ट मित्र तो पग-पग पर काटेगा। 

 

  •  मुर्ख व्यक्ति को हमेशा त्यागना चाहिए क्योकि दिखने में वह इंसान है किन्तु वह दो पैरो वाला पशु है जो वचनरूपी बाणो से आपके मन मस्तिष्क को भेद सकता है।    

दोस्तों मुझे आशा है की आपको ये आर्टिकल (चाणक्य नीति | CHANAKYA NITI in Hindi | BEST 11 CHANAKYA QUOTES in HINDI) बहुत ज्यादा पसंद आया होगा।

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Note:- This article named Chanakya Quotes in Hindi is written in the Hindi language. I researched a lot to write this article. My main aim is just to spread Positivity and Knowledge. If you found any grammatical errors then please let me know in the comment box.

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