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Failure to Success Stories of Students | Failure to Success Story in Hindi
दूसरे लोगो को क्या जवाब देंगे ?
लोग क्या कहेंगे ?
ऐसे ही अनगिनत सवाल उनके दिमाग में घूमते रहते है जब कोई Student अपनी final exam में Fail हो जाता है।
लेकिन मेरा सवाल ये है की वो कागज़ का एक टुकड़ा जिसे हम Result या Mark Sheet कहते है वो कैसे हमारे आने वाले भविष्य को तय कर सकता है।
शिक्षा बहुत जरुरी है लेकिन ऐसा कहीं नहीं लिखा है की 95 % Marks लाने वाला बहुत बड़ा आदमी या मालिक बन जाएगा और 50 – 60 % लाने वाला छोटा आदमी या नौकर ही बनेगा।
एक व्यक्ति की सफलता उसके परीक्षा परिणाम पर निर्भर नहीं करता है। हो सकता है कल को वो 50 – 60 % लाने वाला व्यक्ति अपनी काबिलियत की बदौलत एक बड़ी कंपनी खड़ी कर दे जिसका Annual Turnover लाखो या करोडो रुपये हो और उसी कंपनी में वो दूसरा ~90 % Marks लाने वाला Student नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया हो , तो आप बताये की कौन बड़ा हुआ |
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जीवन में सफलता केवल परीक्षा परिणाम पर निर्भर करती है ये बिलकुल असत्य है।
ऐसी कई सारी वास्तविक कहानिया भरी पढ़ी है जिनको सुनके या पढ़के आप प्रेरित हो सकते है। इसलिए मैं लेकर आया हूँ हिंदी में {HINDI} ||
Top 10 Failure Success Stories in Hindi (11 महान लोगो की कहानी )
1. थॉमस एल्वा एडिसन

चाहे आप विज्ञान से सम्बन्ध रखते हो या नहीं लेकिन महान वैज्ञानिक एडिसन को तो आप सभी जरूर जानते होंगे। इनकी वजह से हम सभी प्राणियों को प्रकाश जैसी बड़ी सौगात मिली। ये एक महान वैज्ञानिक और बड़े बिज़नेस मैन थे
थॉमस एल्वा एडिसन ने कई बड़े अविष्कार किये जैसे लाइट बल्ब, फोनोग्राफ Incandescent Lamp, Kinetograph, Carbon Transmitter, Kinetoscope, Fluoroscope जो बहुत बड़े अविष्कार की गिनती में आते है।
साथ ही इनको Hall Of Fame for Great Americans (1960) से भी नवाजा गया
लेकिन क्या आप जानते है की वे बचपन में बहुत ही मंद बुद्धि या यूँ कहे की पढाई में कमजोर छात्र थे।
“एक बार की बात है जब एडिसन स्कूल से घर आये और एक पर्चा अपनी माँ को देते हुए कहने लगे की Teacher ने कहा है की ये पत्र तुम अपनी माँ को दे देना।
जब माँ ने वो पत्र पढ़ा तो माँ की आँखों से आंसू निकलने लगे।
माँ के आंसू देख एडिसन अपनी माँ से पूछने लगे की माँ क्या लिखा है इस पत्र में जिसे पढ़कर तू रोने लगी।
तब माँ ने कहा की इस पत्र में लिखा है की,
आपका बेटा पढाई लिखे में बहुत होशियार है और हमारा स्कूल उसके सामर्थ्य के आगे कुछ भी नहीं है और हमारे स्कूल में इतने अच्छे टीचर्स भी नहीं है जो इसे पढ़ा सके तो कृपया करके इसे आप खुद ही पढ़ाए।
साल बितते गए और थॉमस एल्वा एडिसन सदी के महान वैज्ञानिक और आविष्कारक बने।
किसी काम की वजह से वे अपने पुराने संदूक में कुछ ढूंढ रहे थे तो उसमे वही पुरानी चिट्ठी मिली जो टीचर ने माँ को देने को कही थी। जब एडिसन ने उसे पढ़ा तो वे जोर जोर से रोने लगे क्योकि उस चिट्ठी में लिखा था की,
आपका बेटा बहुत ही ज्यादा मंदबुद्धि है। पढाई में बहुत कमजोर है , हम इसे आगे नहीं पढ़ा सकते तो अब से इसे स्कूल भेजने की कोई जरुरत नहीं है। “
इसके बाद एडिसन ने अपनी डायरी में लिखा की कैसे एक माँ ने अपने वचन से मंदबुद्धि बेटे को सदी का महान वैज्ञानिक बनाया
तो देखा आपने की कैसे एक विद्यार्थी को यह कहके स्कूल से निकाल दिया की ये मंद बुद्धि है, इसे हम नहीं पढ़ा सकते और आगे चलकर यहीं विद्यार्थी एक महान वैज्ञानिक और अविष्कार कर्ता बनता है।
थॉमस एल्वा एडिसन का एक कथन (Thomas Elva EdisonQuote )
“I have not failed
I have just found
10,000 ways that won’t work”
मतलब की मैं असफल नहीं हुआ हूँ , मैंने तो वो 10,000 तरीके ढूंढे है जो काम नहीं करते है |
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2. वाल्ट डिज्नी

अगर आप 90’s में जन्मे बच्चे है और कार्टून देखना पसंद करते हो तो Mickey Mouse, Minnie Mouse, Donald Duck कार्टून तो जरूर देखा होगा या इनके बारे में जरूर जानते होंगे । ये कार्टून केवल अमेरिका में नहीं वरन पुरे विश्व भर में प्रसिद्द है,
इस बहुचर्चित कार्टून के रचनाकार (Creator) 👉👉 Walt Disney है।
और कैलिफ़ोर्निया स्थित डिज्नी लैंड पार्क California situated Disney Land Park भी इन्ही की महान कृति में से एक है |
लेकिन इन सफलताओ के पहले वाल्ट डिज्नी ने बड़ी असफलताओ का सामना किया जैसे
“ एक बार की बात है जब एक न्यूज़ पेपर एडिटर ने वाल्ट डिज्नी को ये कहके निकाल दिया की तुम्हारे अंदर Imagination और Creativity की कमी है , इनके दिमाग में Great Ideas नहीं आते है और तुम आलसी किस्म के प्राणी है।
कार्टून की दुनिया में अपना परचम लहराने से पहले शुरूआती दिनों में अपने इस कार्टून बिज़नेस में बुरी तरह से असफल हुए |
एक्टिंग की दुनिया में अपना हाथ आजमाया किन्तु सफल ना हुए |
बिज़नेस में अनगिनत बार असफल हुए , कई बार दिवालिया हो गए | जीवन में ऐसा भी समय आया जब दिमागी और मानसिक रूप से तनावग्रस्त और टूट चुके थे किन्तु डिज्नी ने हार नहीं मानी और
इसके उलट वे एक महान Cartoon Character Creator रचनाकार बने, एक अमेरिकन उद्यमी (American Entrepreneur), Animator , लेखक , वॉइस आर्टिस्ट , Film Maker and Producer, और डिज्नी लैंड पार्क जैसे एक खूबसूरत स्थान बनाया |
वाल्ट डिज्नी अपनी असफलताओ के बारे में बात करते हुए कहते है की ये जो बड़ी बड़ी मुसीबते, परेशानिया और कठिनाई मेरे जीवन में आई , ये मुझे तोड़ने नहीं आई बल्कि मुझे मजबूत बनाने आई |
Failure Success Stories in Hindi
वाल्ट डिज्नी का एक कथन (Walt Disney Quote)
“If you can Dream it,
You can Do it”
मतलब की अगर आप सपना देख सकते है तो इसे पूरा भी कर सकते है |
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3. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर

बोधिसत्व, भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जीवन से कुछ शिक्षा लेते है |
भीमराव अम्बेडकर जी एक समाज सुधारक, भारतीय संविधान के रचनाकार, एक अर्थशास्त्री , महान शिक्षाविद , The Greatest Indian, World Class Lawyer, और एक सफल राजनीतिज्ञ थे |
आज इनको कई महान उपलब्धियों के लिए जाना जाता है लेकिन इन्होने जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना किया जैसे
भारत के हिन्दू धर्म में जाति प्रथा है जो की एक कुप्रथा थी जिसमे छोटी जात (दलित वर्ग) एवं गरीब लोगो के साथ शोषण का कार्य किया जाता था और अम्बेडकर जी एक छोटी जात (SC Category) यानी दलित परिवार से आते थे इसलिए बचपन में प्रारंभिक शिक्षा लेने के लिए इन्होने काफी संघर्ष किया |
जब भीमराव जी अपने भाइयो के साथ स्कूल पढ़ने जाते थे तो इन्हे स्कूल कक्षा के बाहर बिठाया जाता था ताकि दूसरे उच्च वर्ग के लोगो के साथ ये उठ-बैठ न पाए | पानी पिने के लिए बर्तन को हाथ नहीं लगा सकते थे , स्कूल में पानी पिने के लिए चपरासी पर निर्भर होना पड़ता था | कई बार तो इनकी परछाई मात्र से उच्च वर्ग के लोगो को परेशानी होती थी | उस समय निम्न वर्ग & महिलाओ को शिक्षा लेना सख्त मन था |
इस भयावह विकट परिस्थिति के बावजूद वो रुके नहीं , थके नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहे | इनकी जगह कोई ओर इंसान होता तो वो टूट जाता और आज इनकी अथक मेहनत और जज्बे का ही नतीजा है की आज ये भारत के एक महान व्यक्ति है |
अम्बेडकर जी के जीवन की कुछ महान उपलब्धियों के बारे में जानते है,
- पुरे विश्व भर में सबसे ज्यादा प्रतिमा अम्बेडकर जी की है |
- अम्बेडकर जी के नाम पर सबसे ज्यादा गाने और सबसे ज्यादा किताबे लिखी गई है |
- पहले भारतीय जिन्होंने विदेश (साउथ एशिया) जाकर अर्थशास्त्र में डबल डॉक्टरेट (पीएचडी) हांसिल किया |
- रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना में इनका अहम् रोल है |
- भारत के पहले कानून मंत्री |
- अम्बेडकर जी ने पुरे 64 विषय में मास्टर डिग्री पायी है और कुल 9 भाषाओ को जानते थे |
- लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र की पढाई को (जो 8 साल में पूरी होती है) को 2 साल 3 महीने में पूरा कर लिया |
- भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा झंडा में अशोक चक्र को स्थान देने का श्रेय इन्ही को जाता है |
तो बहुत ही विपरीत परिस्थिति होने के बावजूत ये आगे बड़े , हारे नहीं और सफल हुए | कई असफलताओ और परेशानियों के बाद इन्हे सफलता मिली है (Failure to Success Stories)
भीमराव आंबेडकर जी का एक कथन (Dr. Bhimrao Ambedkar Quote)
“Life should be great rather than long“
मतलब की जीवन महान होना चाहिए, बड़ा नहीं |
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4. अल्बर्ट आइंस्टीन

अल्बर्ट आइंस्टीन, एक भैतिकी वैज्ञानिक, दार्शनिक, संगीत और प्रकृति प्रेमी थे | ये 20 वी सदी के सबसे महान वैज्ञानिक थे, और दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे| इनके जन्मदिन (14 मार्च) को जीनियस डे के रूप में मनाया जाता है |
इन्होने द्रव्यमान और ऊर्जा का समीकरण दिया और सापेक्षता का सिद्धांत ( Theory of Relativity) दिया |
भौतिकी में फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट के नियम को समझाने के कारण सर एल्बर्ट आइंस्टीन को 1921-1922 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया| कहा जाता है की आइंस्टीन दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे और इनका दिमाग यानी मस्तिष्क अभी भी दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है |
लेकिन आइंस्टीन बचपन से ही बुद्धिमान नहीं थे, बल्कि ये तो भुलक्कड़ थे |
सामान्यतयाः बच्चे पैदा होने के 1 से 2 साल में बोलना शुरू कर देते है किन्तु अल्बर्ट आइंस्टीन ने बोलना ही 4 साल में स्टार्ट किया और 9 साल की उम्र तक तुतला कर बोलते थे | 7 साल की उम्र से पढ़ना लिखना चालू किया | पढ़ना लिखना इन्हे ज्यादा पसंद नहीं था | स्कूल की दुनिया इन्हे जेल के सामान लगती थी |
इसीसलिए इन्होने अपनी प्रारंभिक पढाई काफी समय बाद शुरू की | शिक्षक जो बच्चो को पढ़ाया करते थे आइंस्टीन उसे स्वीकार नहीं करते थे और बिच बिच में सवाल पूछा करते थे , तंग आकर शिक्षक इन्हे मंद बुद्धि कहते थे |
इस बात से परेशान होकर आइंस्टीन ने अपने एक शिक्षक से बात की मैं मंदबुद्धि से बुद्धिमान कैसे बनु तो उनके शिक्षक ने कहा
अभ्यास करना ही सफलता का मूलमंत्र है
फिर क्या था , आइंस्टीन लग गए मेहनत और अभ्यास में और अंत में वे एक महान वैज्ञानिक के रूप में उभरे | गणित और भौतिकी उनका पसंदिता विषय था |
तो देखा आपने, एक ऐसा विद्यार्थी जिसे स्कूल अक्सर अपने परिसर से बाहर निकाल देते थे , कॉलेज में जहा उन्हें एडमिशन नहीं दिया जाता था वो व्यक्ति आगे चलकर एक महान वैज्ञानिक और बुद्धिमान बनता है |
अल्बर्ट आइंस्टीन एक कथन (Albert Einstein Quote)
“In the middle of difficulty lies opportunity“
मतलब की परेशानियों के बिच ही अवसर छुपा है |
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5. डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम

भारत के 11वे राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी कोन नहीं जानता है | ये भारत के शीर्ष एवं प्रख्यात वैज्ञानिक में से एक है |
देश की रक्षा, प्रगति, और विद्यार्थियों के लिए अपना सर्वस्व जीवन देने वाले अब्दुल कलाम जी को भारत सरकार से कई पुरस्कार से सम्मानित किया जैसे 1981 में पद्म भूषण , 1990 ने पद्म विभूषण , और 1997 में भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया |
अब्दुल कलाम जी बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे | इनका व्यवहार बहुत ही विनम्र था, शांत सरल स्वभाव इनका विशेषण था | क्रोध इनके चहरे पर कभी नहीं देखा गया |
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था जो इनके बारे नकारात्मक बात करे, चाहे वह किसी भी धर्म, संप्रदाय या वर्ग का व्यक्ति हो , सभी इन्हे पसंद करते है |
इन सभी उपलब्धि के कारण भारत के राष्ट्रपति बनने का द्वार इनके लिए स्वतः ही खुल गया | इन्हे प्रत्येक राजनितिक पार्ट पसंद करती थी|
छात्रों के प्रति इनका लगाव प्रगाढ़ था , लेकिन यह सब उपलब्धि इन्हे इतनी आसानी से नहीं मिली |
अपने पुरे जीवन को भारत देश की रक्षा, अंतरिक्ष अनुसन्धान कार्य (DRDO , ISRO) में लगाने वाले और विद्यार्थियों के सबसे प्रिय एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन को आइये करीब से समझते है |
इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था , इनका जन्म भारत के दूरस्थ दक्षिण के तमिलनाडु में रामेश्वरम में हुआ | इनके पिता एक नाविक और मछुआरे थे और माँ एक गृहणी थी | माँ बाप दोनों पढ़े लिखे नहीं थे किन्तु संस्कारी बहुत थे | कलाम जी 5 भाई बहनो में से सबसे छोटे थे |
परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसीलिए इन्होने पढाई लिखाई के साथ साथ अखबार बांटने का भी काम किया | रामेश्वरम के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पेपर बांटने का कार्य करते थे ताकि पढाई लिखाई न रुके |
पढाई लिखाई में इनका काफी ज्यादा मन लगता था, इसका एक उदाहरण यह है की कलाम जी सवेरे 4 बजे जल्दी उठकर और नहाने के बाद एक शिक्षक के यहाँ पढ़ने जाते थे क्योकि उनके एक शिक्षक थे जो कुछ विद्यार्थियों को मुफ्त में शिक्षा देते थे लेकिन उनकी शर्त थी जो छात्र सवेरे 4 बजे उठकर एवं नहाकर आएगा वही पढ़ेगा |
अब्दुल कलाम जी को शुरूआती शिक्षा दिलाने के लिए इनके माता पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी और रामेश्वरम के पास रामनाथपुरम में The Schwartz School में प्रवेश दिलाया और मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग करने तक इन्हे काफी संघर्षो का सामन करना पड़ा |
एक बार की बात है, स्कूल के दिनों में एक विषय पढ़ने के बाद दूसरा विषय पढ़ने के लिए कक्षा बदलनी पड़ती थी , तो जल्दी जल्दी में कलाम जी एक गलत कक्षा में चले गए जहा गणित के शिक्षक पड़ा रहे थे | यह गुस्ताखी वह शिक्षक बर्दाश्त नहीं कर पाए और अब्दुल कलाम जी कालर पकड़ कर डांट लगाईं और बेंत से मार भी लगाईं और कहा की, अगर तुम्हे यह नहीं पता है की कौन सी कक्षा में जाना है तो यह स्कूल छोड़ दो और अपने गांव चले जाओ |
इस बात से कलाम जी काफी निराश हुए, और अपने माता पिता के सपने टूटते से नज़र आये |
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दिन रात पढाई में लग गए और मेहनत रंग लाइ , महीने बीतते गए और अंत में परीक्षा परिणाम में गणित विषय में अब्दुल कलाम जी को पुरे अंक (Full Marks) मिले। और अगली सुबह असेंबली हॉल में उन्ही गणित के शिक्षक ने कलाम जी का सम्मान किया और कहा की, जिसे भी में दण्डित करता हूँ वो एक महान व्यक्ति बनता है | और सभी बच्चे खिलखिलाकर हसने लगते है |
विद्यार्थी जीवन में इनकी मेहनत रंग लाइ और आगे चलकर इन्होने काफी सारी उपलब्धिया पाई और प्रसिद्धि पाई |
जैसे इसरो (ISRO- Indian Space Research Organization) में रहते हुए SLV 3 के द्वारा रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करना| पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, आकाश, नाग जैसी मिसाइल का निर्माण करना | ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण जो पृथ्वी, आकाश और सागर कंही भी दागी जा सकती है | भारत सरकार में मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार रहे |
इनकी उदारता और जमीन से जुड़ाव (Down to Earth Nature) इस बात से पता चलता था की राष्ट्रपति बनने के बाद अपने केरल दौरे में त्रिवेंद्रम के राजभवन में उन्होंने 2 लोगो को को अपना मुख्यअतिथि बनाया, वो दो लोग थे , रोड साइड पर बैठने वाले मोची (Cobbler) और एक छोटे से होटल के मालिक | ये थी उनकी महानता और उदारता |
यह थी असफलता से सफलता की कहानी (Failure to Success stories of a student)
अब्दुल कलाम जी का एक कथन (APJ Abdul Kalam Quote)
“If you fail, never give up
because FAIL means “First Attempt in Learning“
मतलब की अगर आप असफल हुए है तो हिम्मत न हारे क्योकि असफलता का मतलब है सिखने की प्रक्रिया में पहला कदम |
चलिए अब 6th नंबर की कहानी (Failures Success Stories in Hindi) पढ़ते है
असफलता से सफलता की प्रेरक कहानी
6. जैक मा (अलीबाबा)

चाइना एक छोटे से कस्बे Hangzhou में जन्मे जैक मा, अनगिनत असफलताओ के बाद सफलता को पाने का एक अनोखा उदहारण है कई सारी कठिनाइयों और मुश्किलों को पार करने के बाद विश्व के और चाइना के सबसे अमीर इंसानो में शुमार हुए|
विश्व की सबसे बड़ी Ecommerce Company अलीबाबा डॉट कॉम के संस्थापक जैक मा जिनकी आज नेटवर्थ 44 बिलीयन अमेरिकी डॉलर है 😲 जिसे अंको में बता पाना मुश्किल है |
इनके जीवन अपने आप में एक प्रेरणा है जो लोगो को प्रेरित करती है |
आइये जानते है इनके जीवन की असफलताओ के बार में ,
- प्राइमरी स्कूल 4th क्लास में 2 बार असफल हुए |
- मिडिल क्लास 8th में 3 बार फ़ैल हुए |
- यूनिवर्सिटी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में 3 बार असफल हुए | बाद में अपने शहर के एक साधारण कॉलेज (जो उस शहर में थर्ड क्लास माना जाता था ) से टीचर ट्रेनिंग पूरी की |
- गणित विषय में 1 % से भी कम नंबर आये थे |
- अपने जीवन में 30 से ज्यादा नौकरी के लिए आवेदन दिया लेकिन सभी से रिजेक्ट हुए |
- पुलिस फाॅर्स में नौकरी करना चाहा लेकिन वंहा भी फीट न होने के कारण जॉब ना मिली |
- KFC में जॉब के लिए 24 लोगो ने अप्लाई किया जिसमे से 23 लोगो को नौकरी मिली , एकमात्र इंसान जैक मा थे जिन्हे नौकरी नहीं मिली थी |
उनको अंग्रेजी भाषा बहुत अच्छी लगती थी, और इसे सिखने के लिए वे अपने शहर में घूमने आये टूरिस्ट को गाइड करते थे और इंग्लिश में बाते करते थे | अंग्रेजी सिखने की उनकी ललक इतनी थी की सवेरे 5 बजे उठकर अपनी साइकिल को 70 मिनिट चलाकर पास के एक होटल में विदेशी टूरिस्ट के पास जाते थे और टूरिस्ट को गाइड करने का काम करते थे | अधिकतर जैक मा उन टूरिस्ट से पैसे लेने की बजाय अंग्रेजी सीखा करते थे|
उन्होंने पहली जॉब इंग्लिश टीचर बनकर की जहा उन्हें 10 से 12 डॉलर प्रति महीना वेतन मिलता था |
उनके जीवन में एक नया मोड़ तब आया जब उन्होंने इंटरनेट को पहली बार देखा और तय किया की इंटरनेट की दुनिया में ही अपना करियर बनाऊंगा | फिर अपनी एक कंपनी बनाई Yellow Pages जो ठीक तरह से तो नहीं चली लेकिन यह सफलता की राह में मिली एक असफलता थी |
और बाद में अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर Alibaba.com को बनाया जो आगे चलकर एक बड़ी विशाल ecommerce कंपनी बनी | शुरुआत में अलीबाबा के कॉसेप्ट को अन्य इन्वेस्टर को समझाने में इन्हे बहुत समय लगा | बहुत सारे इन्वेस्टर से मिलने के बाद 18 बड़े संस्थापकों ने 50,000 का इन्वेस्टमेंट किया | इस कंपनी ने शुरूआती 3 साल तक 1 $ का भी revenue नहीं बनाया | लेकिन जैक मा थके नहीं, हारे नहीं, और आगे बढ़ते रहे क्योकि उन्हें अपने आप पर विश्वास था और अंततः मेहनत सफल हुई | और आज विश्व इंसानो में इनकी गणना होती है |
जैक मा का एक कथन (Jack Ma Quote)
“Never give up, Today is hard, Tomorrow will be worse, but the day after tomorrow will be Sunshine“
मतलब की अपने जीवन में हिम्मत न हारे, आज का दिन ख़राब है, कल का दिन ओर भी ख़राब होगा लेकिन आने वाले कल के बाद का दिन में के नया सवेरा होगा |
Ecommerce Business Success Story in Hindi
7. नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी

चौकीदार से बॉलीवुड के ग्रेट एक्टर बनने का सफर तय करने वाले नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का सफर एक रोलर कोस्टर की सवारी की तरह रहा जहा कितने ही उतार चढ़ाव इन्होने अपने जीवन में देखे |
कोई व्यक्ति 1 या 2 साल संघर्ष करने के बाद हार मान लेता है और कहता है की, “हे भगवान् ! यह सब मेरे साथ ही क्यों ?” लेकिन नवाजुद्दीन ने एक्टर बनने के लिए पुरे बारह साल संघर्ष किया |
उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक छोटे से कस्बे बुधना में जन्मे नवाजुद्दीन सिद्दीकी बताते है की उनके गांव का माहौल ठीक नहीं है | यहाँ के लोग केवल तीन चीज़ो के बारे में जानते है – गेहूं , गन्ना और गन (बन्दुक) |
पिता किसान थे और घर की हालत इतनी ठीक नहीं थी तो शुरूआती पढाई अपने ही कस्बे के विद्यालय से की और केमिस्ट्री में बीएससी की, फिर गुजरात के बड़ोदरा में एक कंपनी में केमिस्ट का काम किया |
एक बार की बात है अपने ही सहकर्मी दोस्त के साथ वे एक दिन एक गुजराती नाटक देखते है वो फिर तय कर लेते है की यही काम मुझे करना है और निकल पढ़ते है दिल्ली की तरफ | दिल्ली में नवाजुद्दीन को काफी संघर्षो का सामना करना पड़ा | क्योकि हिंदी सिनेमा जगत बॉलीवुड में केवल उन्ही को रोल मिलता था जो कद काठी में बड़े हो और जिनका रंग साफ़ हो किन्तु नवाजुद्दीन कद काठी में काफी निचले पायदान पर थे और सांवले रंग के थे |
लेकिन नवाजुद्दीन कहा हार मानने वाले थे , लगे रहे एक्टर बनने की अपनी धुन में और इन्हे काफी मुसीबतो और संघर्षो का सामना करना पड़ा |
फिर उन्होंने दिल्ली के NSD (National School of Drama) के एक्टिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया ताकि अपनी एक्टिंग के गुणों को ओर तराश सके | कई बार पैसो की कमी का सामना करना पड़ा और नॉएडा के किसी कंपनी में चौकीदार तक का काम किया |
उसके बाद वे मुंबई आये और यहाँ चालू हुआ संघर्षो का दूसरा दौर| हालात इतने ख़राब थे रहने खाने के भी पैसे नहीं थे जेब में | रूम का किराया देना तो दूर की बात थी | रूम में रहने के लिए वे घर का सारा काम किया करते थे जैसे साथ के लोगो के लिए सुबह का नाश्ता, लंच और डिनर |
जिंदगी से परेशान होकर कभी कभी सोचने लगते की वापस अपने घर चले जाऊ लेकिन फिर अपनी माँ की कही बात याद आती की,
“बेटे ! कचरे के पड़े ढेर के पलटने का भी वक्त आता है और तू तो इंसान है |”
और यह सोचकर फिर अगले दिन ऑडिशन देने पहुंच जाते लेकिन हार नहीं मानते | धीरे धीरे उनकी मेहनत रंग लाइ और उन्हें छोटे मोटे रोल मिलने लगे, लेकिन उन्हें बड़ा ब्रेक दिया अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म ब्लैक फ्राइडे और फिर अनुराग ने ही नवाज़ुद्दीन को अपनी एक फिल्म “गैंग्स ऑफ़ वास्सेपुर” में लीड रोल दिया | यहाँ से उनकी मेहनत का फल मिलना चालू हुआ |
इसके बाद तो इन्होने कई सारी बड़ी फिल्मो में काम किया जैसे “Manjhi- The Mountain Man, Kick , Lunch Box, Badlapur, Bajarangi Bhaijaan, Talaash आदि कई अच्छी फिल्मो में काम किया | इसके साथ ही इन्हे कई सारे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया |
फर्श से अर्श पर जाने का इनका यह सफर काफी प्रेरणादायक है |
Navajuddin Siddiqui की मूवी का एक डायलाग
“जब तक तोड़ेंगे नहीं
तब तक छोड़ेंगे नहीं “
8. निक वुजिसिक

यहाँ हम बात कर रहे है असफलता से सफलता की ओर (Failure Success Stories) के बारे में,
सोचिये उन लोगो के जीवन का क्या लक्ष्य होगा जिनके पास दोनों हाथ और दोनों पैर ना हो |
“Health is Wealth” ये हमने कई बार पढ़ा है लेकिन ऐसे व्यक्ति के बारे में आप क्या सोचेंगे जिसके शरीर के कीमती अंग ही न हो |
मैं बात कर रहा हूँ ऑस्ट्रेलिया में जन्मे Nick Vujicic (निक वुजिसिक) के बारे में जिनको Tetra Amelia Syndrom के कारण माँ के गर्भ से ही हाथ – पैर विकसित नहीं हुए | अपनी लिखी हुई ऑटो बायोग्राफी “Life Without Limits” में निक ने बताया है की जब मेरा जन्म हुआ था और नर्स ने मुझे मेरी माँ को सोपना चाहा तो मेरी माँ मुझे देखकर घबरा गई और मुझे गोद में लेना नहीं चाहा | जाहिर है जिस बच्चे के हाथ पैर ही न हो तो उसे देखकर तो कोई भी भयभीत हो जायेगा | लेकिन बाद में मेरे माता पिता ने मुझे गोद में लिया यह सोचकर की यह भगवान् का दिया कोई प्लान होगा |
धीरे धीरे निक बड़ा हुआ, निक का मस्तिष्क और आईक्यू लेवल ठीक था लेकिन कमी थी हाथ पेरो की और हाथ पैर न हो तो जीवन की कल्पना कर पाना भी मुश्किल होता है | शुरूआती दिनों में निक को स्कूल में प्रवेश भी नहीं मिल पा रहा था | जब प्रवेश मिला तो अन्य बच्चे या तो उससे डरते थे या उसका मजाक उड़ाते थे |
वह इतना परेशान रहने लगा की हमेशा अपनी क़िस्मत को कोसता रहता था | जब वह अन्य बच्चो को खेलते-कूदते, दौड़ते, साइकिल चलाते देखता तो उसे भी यह सब करने मन होता था लेकिन वह कर नहीं पाता था |
निक हमेशा अपने माँ बाप और डॉक्टर से यही पूछता रहता था की भगवान् ने मुझे अलग क्यों बनाया |
परेशान होकर एक बार निक ने 10 साल की उम्र में आत्महत्या करने की भी कोशिश की | लेकिन परिवार और भाई बहनो के प्रेम में वो ऐसा नहीं कर पाए |
17 साल की उम्र में निक की माँ ने उन्हें न्यूज़ पेपर का एक आर्टिकल पढ़ने को दिया जिसमे निक की ही तरह एक डिसएबल व्यक्ति के बारे में लिखा था, जो अपने शरीर की अक्षमता के बावजूत बहुत कुछ कर पा रहे थे |
इसे पढ़ने के बाद निक को जीने का एक उद्देश्य मिला और उन्होंने भी अच्छे से जीने का तय किया |
इन्होने Accountancy & Financial Planning में स्नातक किया | 19 साल की उम्र में इन्होने अपना पहला भाषण दिया |
आज निक वुजिसिक एक जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर है जो लोगो को जीने का सलीखा सिखाते है। अपने भाषण में लोगो को हसाने के लिए निक हसी मजाक में अपने अविकसित हाथ पैर को chicken drumstick भी कहते है |
हाथ पैर ना होने के बावजूत वो आज सब कुछ कर सकते है |
Swimming, Writing, Fast Computer Typing, Musician, Painting, Football, Skydiving, Surfing और भी बहुत कुछ जिसे देखकर हर कोई अचंभित हो जाए की कैसे कोई व्यक्ति बिना हाथ पैर के कैसे इतना कर सकता है |
इसके अलावा वो Life without Limbs के नाम से एक NGO गैर लाभकारी संगठन (Non Profit Organization) चलाते है और उनकी एक कंपनी है जिसका नाम है Attitude is Altitude जिसमे लोगो को प्रेरित करना और आगे बढ़ना शामिल है |
वे कहते है की जीवन में उम्मीद रखे क्योकि उम्मीद का खोना हाथ पैर के खोने से ज्यादा ख़राब है | अगर जीवन में परेशानी है तो इसका हल खोजे और अगर परेशानी का हल नहीं है तो इसे सहर्ष स्वीकार करे |
आज निक वुजिसिक एक शादी शुदा इंसान है और 4 बच्चो के पिता है | इनकी कंपनी की नेटवर्थ 5 लाख डॉलर है |
इन्होने अपनी एक ऑटो बायोग्राफी जिसका नाम है “Life without Limbs ” जो की 30 से ज्यादा भाषाओ में प्रकाशित की जा चुकी है |
2005 में इनको Young Australian Award मिला , 2009 में इन्होने एक शार्ट The Butterfly Circus फिल्म में भी काम किया जिसके कारण इनको Best Actor अवार्ड से सम्मानित किया | 2011 में इन्होने एक म्यूजिक वीडियो Something More भी लांच किया |
हम लोग छोटी मोटी परेशानियों से हताश हो जाते है वही इसके उलट निक आज वो सबकुछ कर सकता है जो दूसरे अन्य कर पाने में भी 10 बार सोचते है |
यह थी Nick Vujicic की असफलता से सफलता की कहानी Failure Success Story in Hindi
निक वुजिसिक एक कथन (Nick Vujicic Quote)
“I am gonna to try and try again,
because the moment I give up, is the moment I fail”
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9. जे के रोलिंग

ये कहानी है हम सब की सबसे प्रिय किताब और फिल्म हैरी पॉटर की लेखिका जे के रोलिंग की | जे के रोलिंग जिन्होंने एक ऐसे उपन्यास का सर्जन किया जिसने सारे रिकॉर्ड को तोड़ कर रख दिया |
जी हां दोस्तों , ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसने हैरी पॉटर का नाम नहीं सुना हो, यह उपन्यास पुरे 60 से अधिक भाषाओ में अनुवादित की गई है , 400 मिलियन से ज्यादा प्रतिया इसकी बिकी और 200 से ज्यादा देशो में इसकी बिक्री हुई |
जे के रोलिंग एक ऐसी पहली लेखिका बनी जिसने लेखन कार्य करके सबसे ज्यादा अमीर बनी हो |
इनकी कुल संपत्ति 1 अरब डॉलर से ज्यादा आंकी गई है, इस तरह वह ब्रिटैन की महारानी क़्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय से भी ज्यादा अमीर बनी| ऐसे ही कई सारे रिकार्ड्स को इनके द्वारा लिखे उपन्यास (नावेल) ने तोडा है |
इसके साथ ही हैरी पॉटर सीरीज की पुरे 7 Novel प्रकाशित हुए जिससे 8 फिल्म का निर्माण हुआ जिसने बहुत ही ज्यादा अच्छा बिज़नेस किया |
लेकिन जे के रोलिंग का लेखक बनने का यह सपना इतना आसान नहीं था |
बचपन से ही इन्हे कहानिया लिखने और पढ़ने का काफी ज्यादा शौक था | ये बचपन में कहानिया लिखती और अपनी छोटी बहन को सुनाती |
एक बार इनकी आंटी ने इन्हे जेसिका मिटफोर्ड के द्वारा लिखी हुई ऑटोबायोग्राफी – Hons and Rebels को पढ़ने के लिए दिया तो वह जेसिका से काफी ज्यादा प्रभावित हुई और बची हुई सारी किताबे पढ़ डाली |
इनकी काल्पनिक दुनिया में जादू की दुनिया, प्रकृति, बड़े बड़े पेड़ पौधे ये सभी रहते थे |
हैरी पॉटर को लिखने की कल्पना (एक जादुई स्कूल जिसमे एक यंग बच्चा पढ़ रहा है ) इन्हे मैनचेस्टर से लन्दन जाते हुए ट्रैन के सफर में आई और लन्दन पहुंचते ही बिना उसे लिखना शुरू किया – Harry Potter & The Philosopher’s Stone
17 साल की इनकी उम्र रही होगी जब इनकी माँ का देहांत हो गया था तब ये काफी ज्यादा टूट चुकी थी और तनाव में रहने लगी लेकिन लेखन के कार्य ने इन्हे होंसला बंधाया |
नौकरी करने के सिलसिले में रोलिंग पुर्तगाल गई जहा इन्हे इंग्लिश टीचर का काम मिला | वह इन्होने एक पुर्तगाली जर्नलिस्ट से शादी की और एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम रखा जेसिका |
लेकिन वैवाहिक जीवन में कलह के चलते इनके पति ने इन्हे घर से बाहर निकाल दिया, जब इनकी बेटी केवल 1-2 महीने की थीं | सर पर छत पाने के लिए ये अपनी छोटी बहन के घर चली गई | जहा अपने गुजर बसर करने के लिए इन्होने एक फॉर्म भरा – Welfare Benefits जिसमें ब्रिटिश सरकार सिंगल पेरेंट्स और गरीब को सरकारी सहायता और पैसे प्रदान करती थी | जीवन कुछ ऐसा ख़राब हो गया था |
पास में एक छोटी सी बच्ची, हाथ में कोई नौकरी नहीं, और गुजर बसर करने के लिए ठीक से घर और भोजन नहीं , इसके बाद भी इन्होने लेखन का कार्य नहीं छोड़ा और हैरी पॉटर के तीन चैप्टर पुरे लिख दिए और अपने पुराने टाइपराइटर से टाइप करके पब्लिशिंग के लिए इधर उधर भटकने लगी |
हैरी पॉटर लिखने के बाद भी समस्याए ख़तम होने का नाम नहीं ले रही थी | इस नावेल के प्रकाशन के लिए जे के रोलिंग पुरे 12 पब्लिशर के पास गई लेकिन सबने इसे छापने से मना कर दिया |
अंत में लन्दन के Bloomsburry Publishing House ने छापने का निर्णय लिया। इस किताब ने इतनी सफलता अर्जित कि की स्कॉटलैंड आर्ट कॉउन्सिल ने हैरी पॉटर की पूरी सीरीज लिखने का ग्रांट दिया | पहले जो पब्लिशर इसे छापने से मना कर रहे थे वो अब इसे छापने का अधिकार खरीदने के लिए बोली लगा रहे थे |
बाद में इस नॉवेल की पूरी 7 सीरीज आई जिसमे अंतिम सातवीं नावेल थी – Harrypotter & Deathly Hallows जिसे Best Selling of All Time का अवार्ड मिला | UK और US में रिलीज़ के पहले ही दिन 11 मिलियन किताबे बिकी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है |
7 सीरीज के नावेल को और भी कई सारे अवार्ड्स मिले जैसे –
(1) Nestle Smarties Book Prize,
(2) British CHildren’s Book of The Year,
(3) Children Book Award
बाद में इन 7 नॉवेल की सीरीज के ऊपर 8 फिल्मे बनी जो काफी ज्यादा सफल रही |
तो इस तरह से जे के रोलिंग को कई असफलताओ के बाद सफलता मिली थी Failure to Success Stories
शासकीय सहायता से अपना पेट भरने से लेकर विश्व के अमीर इंसानो में अपना नाम दर्ज कराना यह सफर हमें बताता है की एक महान सफलता को पाने के लिए कई बार अनगिनत असफलताओ को देखना पड़ता है |
जे के रोलिंग का एक कथन (J K Rowling Quote)
“It’s important to remember that We all have Magic inside Us“
Last but not Least (Failure Success Stories in Hindi) असफलता से सफलता की अंतिम प्रेरक कहानी
10. अब्राहम लिंकन

बहुत ही गरीब परिवार में जन्मे, मजदूरी करने से विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के 16 वे और सबसे चहिते प्रेसिडेंट (राष्ट्रपति ) बने | अगर अमेरिका के प्रसिद्द राष्ट्रपति की बात की जाय तो अब्राहम लिंकन का नाम सबसे पहला आता है |
बचपन से ही एक गरीब परिवार में जन्मे लिंकन का जन्म बहुत ही परशानियों में बिता | रहने के लिए घर नहीं था और घर में पर्याप्त पैसा नहीं था जिससे पढाई लिखाई तो दूर की बात होती थी |
अब्राहम लिंकन का मन पढाई में बचपन से लगता था लेकिन उनके पिता उनके पढाई लिखाई के फैसले के सख्त खिलाफ थे | वे उन्हें खेतो में मेहनत-मजदूरी करने के लिए मजबूर करते थे |
चूँकि पिता बिलकुल नहीं चाहते थे की अब्राहम पढाई लिखाई करे तो इस वजह से शिक्षा उन्होंने अपने दम पर की | पिता किसान और बढ़ई का काम करते थे तो अब्राहम ने लकड़ी से एक छोटी नाव बनाई और नदी में माल ढोने का काम किया |
दुसरो के खतो में मजदूरी करने का काम किया | लेकिन फिर उन्हें एक छोटी सी दूकान में नौकरी मिल गई और साथ में पढ़ने लिखने का भी समय मिलने लगा |
पैसो की कमी के चलते वे अपने साथियो से किताबे उधार लेकर शिक्षा अध्ययन किया करते थे |
एक ऐसा ही अब्राहम लिंकन के जीवन से जुड़ा हुआ प्रेरणा से भरा एक किस्सा मैं आपको सुनाता हूँ |
जब लिंकन लॉ (वकालत ) की पढाई खुद से कर रहे थे , तब उन्हें कंही से पता चला की नदी के पार एक रिटायर्ड जज रहते है जिनके पास न्याय व्यवस्था से जुडी कही सारी किताबे है |
अब्राहम ने सोचा की मुझे उनके पास जाना चाहिए और किताबे पढ़ने के लिए लेनी चाहिए |
अब्राहम लिंकन ने अपनी नाव निकाली और निकल पड़े नदी को पार करने के सफर में | उस वक्त कड़ाके की ठण्ड पड़ रही थी लेकिन अब्राहम पीछे नहीं हटे | नदी बर्फ से ढकी थी जिस वजह से नाव बर्फ से टकरा गई और आगे नहीं बड़ पाई |
फिर उन्होंने यह बर्फीली नदी तैरकर पार की |
उस रिटायर्ड जज ने अब्राहम के अंदर पढाई को लेकर एक अलग ही जज्बा देखा और पढ़ने के लिए किताबे दी और इसके बदले में अब्राहम उन रिटायर्ड जज के घर के काम करते थे जैसे घर के सारे काम, पास के जंगल से लकड़ी काट कर लाना और भी बहुत कुछ|
प्रेसिडेंट बनने के इनके सफर में इन्होने काफी असफलताए देखी जैसे |
- बचपन से मजदूरी करना |
- 9 साल कि छोटी उम्र में माँ को खो देना |
- पिता के रवैये से परेशान होकर घर छोड़ना |
- नौकरी में असफल होना |
- जिस लड़की से बहुत प्रेम करते थे उस प्रेमिका का देहांत होना |
- बहुत ज्यादा डिप्रेशन में चले जाना , इतना की अपने आस पास कोई चाकू छुरी भी नहीं रखते थे की कही खुद को कोई नुकसान न पंहुचा ले |
- लगातार 5 से 6 बार चुनाव में हारना |
- फिर दूसरी शादी से हुए 4 बच्चो में से 3 बच्चो की मृत्यु देखना |
- वकालत का अच्छा सफर न चलने के बावजूत 20 साल तक डेट रहे | (वकालत में ये कभी जूठा केस नहीं लड़ते थे और गरीब असहाय से कोई फीस नहीं लेते थे )
इतनी परेशानी में तो हर कोई टूट जाये या रुक जाए | लेकिन इन्होने हार कभी नहीं मानी , असफलता को एक अनुभव मानकर , इससे सीखकर आगे बढ़ते रहे और अंत में 1860 में अमेरिका के 16 वे रास्ट्रपति बने जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुए |
इन्होने अमेरिका में हो रहे गृह युद्ध (American Civil War) को रोका , साथ ही दास प्रथा को जड़ से ख़त्म किया | और इस तरह अमेरिका के सबसे ज्यादा प्रसिद्द राष्ट्रपति बने |
अब्राहम लिंकन के द्वारा कही गई बात मुझे याद आती है की,
अगर आप मुझे एक पेड़ काटने के लिए 6 घंटे देंगे तो उन 6 घंटो में से 4 घंटे तो मैं कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा |“
तो दोस्तों ये थी असफलता से सफलता की कहानी Failure to Success Stories of Students | (Failure Success Stories in Hindi) जिनमे मैंने उन 10 महान लोगो की कहानी जो जीवन में असफल हुए , कई बार असफल हुए लेकिन कभी हार नहीं मानी|
क्योकि असफलता तब ही मानी जाती जब आप आप खुद सोच लेते है की मैं असफल हो गया हूँ |
मन के जीते जी है मन के हारे हार हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर नहीं करता है की स्कूल या कॉलेज में हमारे कितने अंक आये है।
आपका भविष्य केवल आप लोग ही तय कर सकते है की आप इस असफलता को कैसे मैनेज करते है |
लोग क्या कहेंगे या क्या सोचेंगे ये उनका काम है तो उनको करने दो।
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तो अगर आपके मार्क्स कम आये है या आप फेल हो गए हो तो चिंता करने की या परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है बल्कि फिर से उठो और दोगुने उत्साह से आगे बड़ो।
दोस्तों मुझे आशा है की आप सभी को ये आर्टिकल FAILURE SUCCESS STORY IN HINDI” बहुत पसंद आया होगा। और आपने यहाँ तक इस कहानी को पढ़ा है तो यकीन मानिये आप सफल है |
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद। आपका दिन शुभ रहे।
NOTE:- This Story (Failure to Success Story) is in Hindi Language and I researched a lot and tried my best to write this article but if you found any grammatical mistakes, you can comment below. Please Cooperate with us, Keep Supporting and Keep Reading.
nice really motivative article keep sharing
Great Collection. Vert Inspiring post. Keep Sharing.
Bahut kuch sikhne ko milla i m so happy
Thankyou for positive comment. Keep Reading– realinspirationforu.com