कठिन परिश्रम
दोस्तों आज हम आपको एक प्राचीन पंचतंत्र (Kahani in Hindi) बताने जा रहे है जिसका शीर्षक है – कठिन परिश्रम जो की हिंदी भाषा में होगी (Story In Hindi)- “HARD WORK” जो काफी ज्यादा शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक होगी तो आप सभी इस कहानी को ध्यान पूर्वक और अंत तक जरूर पढ़े तो शुरू करते है।
” प्राचीन काल की बात है , एक ऋषि मुनि अपने कुछ शिष्यों को लेकर नदी किनारे टहल रहे थे। सभी शिष्यों की शिक्षा का आज अंतिम दिन था।
सभी शिष्यगण खुश थे क्योकि बहुत से वर्ष गुरुकुल में बिताने के बाद आज अंततः घर जाने को मिलेगा।
ऋषि आचार्य अपने शिष्यों से कुछ कह रहे थे , की आज आपकी शिक्षा का अंतिम दिन है तो मैं चाहता हूँ की आप सभी विद्यार्थियों की एक अंतिम परीक्षा ले ली जाय तो क्या आप सभी शिष्य तैयार है।
सभी शिष्य हामी भरते है और कहते है की- हाँ ! हम सब तैयार है गुरुवर ! आप हमारी परीक्षा लीजिए।
ऋषि कहते है की आप सभी विद्यार्थी ध्यान पूर्वक सुने , ये जो सामने नदी प्रवाहित हो रही है , इसमें से आपको जल भर कर लाना है और गुरुकुल की सफाई करना है।
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ये सुन कर शिष्य थोड़े अचंभित हुए और अपने आचार्य से पूछने लगे की गुरुवर इसमें हमारी परीक्षा कहा है ?
क्योकि इस कार्य में तो गुरुकुल की सफाई करना है, तो भला इसमें परीक्षा कैसी ?
तब आचार्य ऋषि ने कहा की ध्यान रहे ये कार्य इतना भी आसान नहीं है जितना आसान आप इसे समझ रहे है, क्योकि आपको जो जल भर कर लाना उसमे किसी पात्र का उपयोग नहीं करना है
बल्कि एक बांस की टोकरी का उपयोग करके जल भरना है , यही आप सभी की अंतिम परीक्षा है।
और एक ओर बात, जो विद्यार्थी इस परीक्षा में सफल होता है वह मेरा श्रेष्ठ शिष्य होगा।
तो चलो, अब अपनी परीक्षा आरम्भ करो।
सभी शिष्यगण यह परीक्षा सुनके चिंतित और परेशान होने लगे की इस परीक्षा में कैसे सफल हो।
सभी ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की किन्तु सारे असफल हो रहे थे क्योकि बांस की टोकरी से जब कभी जल भरा जाता तब-तब उसमे से जल रिस कर निकल जाता।
लगभग सभी शिष्यगण चिंतित, परेशान और थक चुके थे।
सारे शिष्य परेशान थे , थक हार कर सभी शिष्य अपने गुरु से मिले और कहने लगे की...
गुरुवर ! हमसे ये कार्य नहीं हो पाएगा, ये परीक्षा तो असंभव सी नज़र आ रही है , हम आपसे क्षमा माँगते है, हम आपकी इस परीक्षा में असफल हुए।
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कठिन परिश्रम (Kahani in Hindi)
लेकिन यह सब कुछ होने के बावजूद भी एक शिष्य नहीं रुका, उसने अपना प्रयास निरंतर जारी रखा।
वह जैसे ही जल भरने की कोशिश करता वैसे ही उस बांस की टोकरी से जल रिस जाता, पर उसने हार नहीं मानी और अंततः वह अपने प्रयास में सफल हुआ और गुरु के पास जल लेकर पंहुच गया।
बचे हुए शिष्यगण आश्चर्य चकित थे की जो कार्य हमें असंभव सा लग रहा था वह कार्य तुमने किया कैसे ?
तब उस शिष्य ने कहा की मैं जब जल भरने का प्रयास कर रहा था, तो मेरी टोकरी से भी निरंतर जल रिस रहा था किन्तु मैंने सोचा की अगर गुरु ने यह कार्य हमें दिया है तो ये असाध्य ना होगा, इस कार्य को किया जाना जरूर संभव है.
ये सोच कर में फिर से जल भरने की कोशिश करने लगा। जब में बार बार जल भर रहा था तो बांस की टोकरी जल के कारण धीरे धीरे फूल गई, टोकरी के बिच की खाली जगह भर गई थी और उसमे जल भरना संभव हो पाया।
यह सुन कर आचार्य ऋषि बहुत प्रसन्न हुए और उस विद्यार्थी को अपना सबसे प्रिय विद्यार्थी घोषित किया और सभी बचे हुए शिष्यों से कहा की इस घटना क्रम से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
शिक्षा Kahani in Hindi
इस संसार में कुछ भी असंभव नहीं है, अगर ठान लिया जाय तो असाध्य सा दिखने वाला कार्य भी साध्य होगा, बस जरुरत है तो निरंतर प्रयास करने की इसीलिए अपना प्रयास हमेशा जारी रखे , प्रयास करते रहे जब तक की वांछित फल न मिल जाय क्योकि
कठिन परिश्रम (HARD WORK) करने वालो की हमेशा जीत होती है, कठिन परिश्रम करने वाले को एक न एक दिन सफलता रूपी फल जरूर मिलता है।
आप इस कहानी को Web-Story के स्वरुप में से देख सकते है :- कठिन परिश्रम Kahani in Hindi
यहाँ आदरणीय सोहन लाल द्विवेदी जी की कुछ पंक्तिया सटीक बैठती है
डुबकिया सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगुना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती।
तो दोस्तों आपको यह कहानी- Kahani in Hindi | कठिन परिश्रम | Hard Work Story in Hindi , कैसी लगी, निचे कमेंट करके जरूर।
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NOTE:- This story is in Hindi Language. I tried my best and researched a lot to write this Article but if you found any Grammatical Mistake in this Article , please cooperate with us. Keep Support, Keep Reading.
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Wah what a story
Wah
Nice